क्या सच में होते हैं भूत ? क्या कहता है विज्ञान

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   क्या सच में भूत होते हैं ? क्या है इसके पीछे का विज्ञान.

     आपने बचपन में कभी भूतों के बारे में सुना होगा जैसे आप शरारती है तो आपके पालक , शिक्षक या रिश्तेदार आपको भूतों के बारे में बताकर डराये होगें, तो कभी आपने कोई डरावनी फिल्म देखी होगी इन सभी में भूतों का चित्रण हिंसात्मक प्रवित्ति का किया गया है लेकिन विज्ञान इसके पक्ष में क्या तर्क देता है 
    भूत जिन्हें आत्मा, प्रेत, शैतान, आदि नामों से जाना जाता है यह नाम  उन्हें मानव द्वारा इनके स्वभाव के अधार  पर  दिया गया है | मान्यता अनुसार भूत अच्छे और बुरे कई प्रकार के हो सकते हैं माना जाता है कि जब मानव कि हत्या, असंगत देह संस्कार या कोई अधुरी आखिरी इच्छा हो तो मानव की मृत्यु के बाद  वह आत्मा या भूत  बन जाती है इसका वर्णन कईं धार्मिक पुस्तकों , धर्मों में किया गया है लेकिन आज भी बहुत से लोग इसमें विश्वास रखते हैं और नहीं भी |आप को  पता होगा कि भारतीयों से ज्यादा अमेरिकन्स इन सब बातों पर विश्वास  करते हैं इस विषय में विज्ञान ने भी अपना शोध जारी रखा आइये जानते हैं...... 
    मान्यता अनुसार मृत व्यक्ति की आत्मा भूत बन जाती है और वह मानव को भौतिक रूप से परेशान करती है जैसे दरवाजे का खुलना, खिड़कियों का खडखडाना, काॅंच का टुटना | वैज्ञानिकों का सर्वप्रथम सवाल यह था कि यह ठोस है या कुछ और अब इसे समझने के लिए हम महान् विलक्षण वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के थ्योरी ' थ्योरी ऑफ स्पेशल रिलेवेटी ' से समझने का प्रयास करेंगे इसे उष्मागतिकी  के नाम से भी जाना जाता है इसके अनुसार द्रव्यमान को ना ही बना सकते हैं और न ही नष्ट कर सकते हैं यह ऊर्जा में रुपांतरित होती है  
    डॉ.  डंकन मैकडॉगल  नाम के वैज्ञानिक ने यह सिद्ध किया कि मृत्यु के बाद व्यक्ति का वजन जीर्ण अवस्था की तुलना में 21 ग्राम कम हो जाता है अब इसके उनके यह प्रयोग ने यह तो सिध्द कर लिया कि आत्मा का भी वजन  होता है यानि मृत्यु के बाद यह द्रव्यमान ऊर्जा में परिवर्तित हो जाती है जिसे नकारात्मक ऊर्जा या मान्यता अनुसार भूत कहते हैं लेकिन कुछ वैज्ञानिकों यह मत था कि व्यक्ति के मृत्यु के बाद उसका शरीर सुक्ष्म जीवों द्वारा अपघटित होता है यानि यह द्रव्यमान सुक्ष्म जीवों कि ऊर्जा बन जाती है | कुछ वैज्ञानिकों अनुसार भूत होते हैं तो कुछ वैज्ञानिकों द्वारा नहीं और ज्यादातर वैज्ञानिक बिना प्रयोग, पुख्ता सबूत के कुछ कह नही सकते 
      इसी सवाल का जवाब खोजने और भूतों के रहस्य से पर्दा उठाने 
के लिए paranormal expert गौरव तिवारी ने भारत में पैरानाॅरमल सोसाइटी का गठन किया जो भूतों पर वैज्ञानिक तरीकों से शोध करती है लेकिन दुर्भाग्य से उनकी मृत्यु हो जाती है उनकी लाश सुबह बाथरूम में मिलती  है मृत्यु से पहले उन्होंने नकारात्मक ऊर्जा होने कि बात कि है उनकी मृत्यु भी रहस्मयी तरिके से हुई हम उनके बारे में इससे ज्यादा चर्चा नहीं करेंगे 
      आत्मा का ऊर्जा होने का तथा उसका वजन के ज्ञात होने के अलावा भूतों के बारे में अभी तक विज्ञान के पास कोई सबूत नहीं है भले ही कई दावे किये हो लेकिन उसे साबित नहीं किया जा सकता |भविष्य में सायद हमें इस विषय में संतोषजनक उत्तर मिल सकता है|

    

                             धन्यवाद

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