महासागर रहस्य क्यों है? क्यों आज तक यह दुनिया से छुपा है

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       मनुष्य वर्षों से ही जिज्ञासु प्रवृत्ति का रहा है वह अपने आस पास के सभी चीजों को जानना चाहता है और इसी जिज्ञासा ने आज हमें ये सारी सुख सुविधा प्रदान किया है मनुष्य सिर्फ इस धरती तक सीमित नहीं रहा अब वह दुसरे ग्रहों पर भी कदम रख चुका है, चांद के काले हिस्से को जान चुका है, मंगल ग्रह पर इंसानी बस्ती बना रहा है ब्लैक होल तक की भी तस्वीर कैद कर चुका है फिर भी इसी ग्रह पर मौजूद समुद्र का आज तक दुनिया से पूर्ण रूप से अज्ञात है |

  

      आखिर क्या कारण है इस समुद्र के पुर्ण से ज्ञात न होने का चलिये जानते हैं 

      समुद्र के अन्दर क्या है ? कोन कोन से जीव हैं? समुद्र की वास्तविक गहराई क्या है? यह सब जानने के लिए हमें समुद्र के भीतर प्रवेश करना होगा लेकिन नीचे उतरने के लिए हमारी सबसे बड़ी समस्या समुद्र के अन्दर दाब है आपको वाकई दबाव ( pressure) के बारे में पता होगा जब हम जमीन पर होते हैं तो वायुमंडल का दबाव प्रभावी होता है इसी प्रकार जब हम समुद्र के अन्दर प्रवेश कर जाते हैं तो हम पर जल का दबाव पड़ता है | 

        यह दबाव जल सतह से प्रारंभ होता है लेकिन हमारे शरीर के अन्दर द्रव उतने ही दाब से बाहर दाब लगाता है इसी कारण हमें लग रहे दबाव का पता नहीं चलता लेकिन जैसे जैसे हम समुद्र कि गहराई की ओर बढते जातें हैं वैसे वैसे जल का दाब भी बढते जाता है  गहराई कि ओर बढने पर लगभग 15 पाउंड प्रति वर्ग इंच का दबाव लगता है  ( 15 lb = 6.80kg ) 

        मारियाना ट्रेंच में अन्वेषण करने वाले  गोताखोरों ने बताया कि वहाँ ( 7 मील गहराई पर )  का दाब सतह कि तुलना में 1000 गुना अधिक है यही कारण है कि कोई वाहन या गोताखोर नीचे जाता है तो वह यह दाब सहन नहीं कर पायेगा लेकिन कठोर और मोटे धातु के बने वाहन से इस समस्या को कुछ हद तक सुलझाया जा सकता है 

        समुद्र के अन्दर दाब तो अधिक रहता साथ ही साथ वहाँ का घनत्व भी अधिक रहता है जिसके कारण प्रकाश अधिक दुरी तक यात्रा नहीं कर सकता | सूरज का प्रकाश सतह से लगभग 1km (  अगर परिस्थिति अच्छी हो) अन्दर तक ही जा पाता है यानि आगे पुरा अन्धकार है इस अन्धकार में अनवेषण करना कठिन है यदि आप टाॅर्च के बारे में सोच रहे हैं तो बता दुं कि घनत्व अधिक होने के कारण यह प्रकाश कुछ इंच तक ही जा पाएगी |  हो सकता है भविष्य में इस समस्या का भी हल हो जाए |

                                 धन्यवाद

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