पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र

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 क्या पृथ्वी एक चुम्बक है ? इसका क्या प्रमाण है , क्या है इसके पीछे का विज्ञान?

             पृथ्वी एक प्रबल शक्तिशाली चुम्बक है इसका प्रमाण यह है कि अगर किसी छड़ चुम्बक को बीच से बांध कर इसे स्वतंत्रता पूर्वक लटका दिया जाए तो उसके ध्रुव  हमेशा उत्तर और दक्षिण दिशा में ठहरेगा | क्योंकि पृथ्वी भी विशाल शक्तिशाली चुम्बक है जिसका चुम्बकीय क्षेत्र कि दिशा भौगौलिक दक्षिण से उत्तर की ओर है | 

पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का कारण - 

           आपने  विज्ञान की कक्षाओं में पढ़ा होगा कि आवेश प्रवाह कि दर को विद्युत धारा कहते और विद्युत धारा के चारों ओर चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है इसी तरह यह पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है | दरसल पृथ्वी का आकार बहुत बड़ा यहाँ बहुत से आयरन, निकिल आदि धातुओं का भंडार है चुॅंकि पृथ्वी के क्रोड़ का ताप बहुत अधिक है अतः यह धातुएँ द्रव अवस्था में विद्यमान होते हैं | पृथ्वी के अक्षीय घूर्णन के कारण  ये गलित धातुएँ भी गति करती है जिसके कारण विद्युत धारा उत्पन्न होती और इसी के कारण चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न होता है जिसकी दिशा भौगोलिक दक्षिण से भौगोलिक उत्तर की ओर होता है | पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का होना यह दर्शाता है कि पृथ्वी एक प्रबल चुम्बक है |

       

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